लोकसभा चुनाव का चौथे चरण में प्रवेश कर चुका है। राजनीति दल अपने प्रचार -प्रसार तेजी से कर रहे हैं। लेकिन, चुनावी रैलियां के लिए पोस्टर,झंडा, और टोपी बनाने वाले प्रिंटिंग प्रेस के व्यापार में मंदी देखने को मिल रहा है। बिहार में सभी राजनीतिक दलों के चुनावी प्रचार- प्रसार के समाग्री बनाने वाले शांति प्रिंटिंग प्रेस का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2024 लोकसभा के चुनाव में कारोबार कम हुआ है।
इस क्षेत्र के व्यापारी मंदी होने के कई कारण बताते हैं, उनका मानना है, सोशल मीडिया, इवेंट्स से राजनीति दल प्रचार कर रहे हैं। लोग मोबाइल से राजनीति दल के विचार और उनके घोषणा से जुड़ जाते हैं। फिलहाल रैलियों में उनके द्वारा बनाये राजनीति दल के ,टोपी, गमछा,और पॉकेट डायरी का काम मिल रहा है। जिसके कारण इस बार लगभग 25 लाख रुपये का व्यापार हो चुका है।
नीतीश कुमार के लिए पहले चुनाव से बना रहे चुनावी प्रचार-समाग्री । नेपाल के राजनीति दलों का भी छापते हैं पोस्टर।
1983 में पटना के नया टोला में स्थापित शांति प्रिटिंग प्रेस जदयू,बीजेपी,और राजद अन्य दलों के लिए चुनावों में पोस्टर बनाते आ रही है। प्रिंटिंग प्रेस के मालिक ने कहा कि सबसे पहले 1985 में नीतीश कुमार ने समता पार्टी बनाई,उस समय मशाल चुनाव चिन्ह के साथ वोट देने का पोस्टर मैंने ही छापा था। उन्होंने उस समय मेरी प्रशंसा की और दुकान लगाने में भी प्रोत्साहित किया। यह आगे बताते हैं कि बिहार के राजनेताओं में नीतीश कुमार को प्रिंटिंग समाग्री से जनता तक चुनाव प्रचार -प्रसार का काफी ज्ञान है।
इन्होंने बताया कि बिहार के साथ-साथ नेपाल के राजनीतिक दलों के चुनाव का भी चुनाव साम्रगी छापते हैं। क्योंकि, नेपाल में प्रिंटिंग के द्वारा प्रचार- प्रसार महंगी है, इसलिए वहां से लोग हमारे यहां काम कराते हैं।
Write a comment ...