लव का संग्रहालय
पहली नजर ,पहली धधक।
पहला प्यार ,बेशुमार ।
उसे पाने की ललक ।
सब कुछ लुटाने की ठसक ।
समय बीते बचा गया है।
बस कुछ यादें और हाय मेरी नासमझ ।
वो फूल, वो गली ।
मेरे हाथों में उसके हाथ।
वो पहली चुंबन,और आलिंगन।
बच गया है काश न मिले होते ।
लव का संग्रहालय
जिंदगी भर छुपाए रखना ,
प्यार भरा दर्द और कुछ यादें ।
जिसे न देखे कोई, न पूछे कोई ।
घुट-घुट कर जीना ,पहला प्यार -बेशुमार।
सत्यदेव कुमार
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