भूख के आगे डरने का नहीं।

यह तस्वीर मैंने दिल्ली के आरके. पुरम के ट्रैफिक लाइट के पास से लिया। जब खिंच रहा था ,तो ये बच्चे अपने साथ वाले को कैमरे में देखने बोल रहा था। इसे पता था, मोबाइल में क्यों देखना है।
लेकिन,मुझे सोचने पर मजबूर कर रहा था, इतने तेजी से आते-जाते गाड़ियों के बीच मासूम  को कोई डर नहीं है।समाज की सच्चाई यही है कि
भूख के आगे डर कुछ नहीं होता है। कुछ देर समय देने पर तीन बच्चों के टोली में से एक थोड़ा होशियार था, पैसे मांगने शुरू कर दिया।
मैं भी अभी फिलहाल घर वालों से माँगता हूँ, इसलिए अपने पॉकेट के बचत से कुछ पैसे दे दिए।
        जिंदगी के थपेड़ों से हमारे जैसे आम इंसान परेशान हो जाता है। लेकिन,ये बच्चे को देखकर थोड़ा अपने आप को समझाना पड़ता है।

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सत्यदेव कुमार

Journalism student iimc delhi ,thinker ,love with poetry and political science,master in poltical science ,delhi university