#InternationalWomensDay
नौंटकी समाज पर एक लेख,
उस समाज का हिस्सा मैं भी हूँ .पर थोड़ा सा.
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आज बस देखते रहना पूरे दिन समाज की नौटंकी किस्म के व्यक्ति केवल महिलाओं पर ही लिखेंगे और बोलेंगे. हर एक कार्यक्रम महिलाओं को समर्पित होगा. उन्हें लगता है कि पूरे साल महिलाओं पर जो सामाजिक अत्याचार हुआ है, वह केवल एक दिन में ही उनकी शुभकामनाएं देने से सभी कुछ ठीक जाएंगी.
कुछ समय, के लिए आप सोचिए की जो व्यक्ति पूरे साल भी महिलाओं के बारे में हर तरीके की अत्याचार भी क्या हो,वो भी महिलाओं पर अच्छी -अच्छी बाते करेगा. जो अपनी घर की महिलाओं को भी इज्जत नहीं करता है. सोशल मीडिया पर अपना ज्ञान प्रदर्शित कर देगा.
यह समाज एक दिन महिलाओं को समर्पित करता है,बाकी दिनों में पता नहीं समाज को क्या हो जाता है. समाज को सोचना चाहिए की महिलाओं को एक दिन क्यों हम शुभकामनाएं दे रहे हैं, क्या हमलोगों की बनाई व्यवस्था में कोई कमी है?
पुरुष समाज को उत्तर एक मिनट में मिल जाती है, पर वह चुपचाप मुस्कुरा कर एक पोस्ट कर देते हैं ,जिससे महिलाएं की सारी समस्याएं का हल हो जाता है .मैं मानता हूँ ,एक महिला के त्याग की वजह से इस दुनिया में हूँ ;तो हमेशा कुछ ना कुछ महिलाओं पर लिखता ही रहता हूँ. कुछ अच्छा भी लिखता हूँ, जो कुछ महिला समाज की गलत लगती है उसे पर मैं गलत भी लिखता हूँ.आज कुछ कम लिखूंगा क्योंकि आज नौटंकी समाज ज्यादा लिखेगा.कोई नहीं ,चलो अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं.
@IndianExpress
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