विजयदशमी हजारों सालों से लोग धूमधाम से मानते आ रहे हैं ।इस दिन लोग रावण के बड़े -बड़े पुतलों का दहन करते हैं ।इस धूमधाम में यह संदेश पीछे छूट जाता है कि रावण दहन से हम क्या सीखें।रावण दहन प्रतीक है, अपने अंदर के बुराइ जलाने का ,जो हम सभी में लालच, ईष्र्या,काम,क्रोध के रूप में भरे हैं ।
लेकिन हम पुतला दहन के सेल्फी, दोस्तों के साथ फोटो को अपलोड कर के अपने अंदर के रावण को भूल जाते हैं ।समय के साथ तकनीकी ने कई तरह के रावण का जन्म दिया है ,जिससे आये दिन दंगा, किसी के निजी जिंदगी के तस्वीरें, धोखाधड़ी देखने को मिलती है ।यह सभी रावण का रूप है ,जिसे दहन करने की आवश्यकता है ,क्योंकि हम में से हीं कोई ये रावण रूप लिए रामराज्य को नष्ट करने का कोशिश करता है ।
धर्म विजयी का त्योहार हम सभी को प्रतिज्ञा लेनी चाहिए की अपने अंदर को रावण को दहन करें ।पुतला का दहन तो होते रहते हैं ।
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